5 Tips about कैसे आत्मविश्वास बढ़ाएं You Can Use Today
5 Tips about कैसे आत्मविश्वास बढ़ाएं You Can Use Today
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गाँधी जी बात सुनकर सफाईकर्मी के आँसू निकल गये.
एक दिन, एक चोर जो पुराने कंजूस की दिनचर्या जानता था, बूढ़े व्यक्ति के अपने घर में वापस जाने का इंतजार करता था। अंधेरा होने के बाद, चोर छिपने की जगह पर गया और सोना ले गया। अगले दिन, कंजूस ने पाया कि उसका खजाना गायब था और जोर से रोने लगा।
सभी ने बताया कि उल्लू कह रहा है कि हंसिनी उसकी पत्नी है और हंस कह रहा है कि हंसिनी उसकी पत्नी है।
इस प्रसंग से सीख – गाँधी जी का यह प्रसंग हमें बताता है कि हमें परीक्षा में कभी भी नक़ल नहीं करनी चाहिए बल्कि हमें जितना भी उस विषय के बारे में जानकारी पता है उसका उत्तर लिखना चाहिए.
ऐसा कर पहले तू कहीं से उधार लेकर मेरे लिए भोजन तो बना।
.?" शास्त्री जी की यह सादगी और दिखावे से परे का व्यक्तित्व हर व्यक्ति के लिए बहुत प्रेरक प्रसंग माना जाएगा।
“At 40 yrs aged, and getting struggled with being overweight all my life (I had been at five’6″ and weighed 360 lbs .), I misplaced and held off a lot more than 180 pounds by making use of hypnosis. I didn’t want to invest my full everyday living currently being sad, frustrated and obese. I couldn’t stand it any longer and I realized if I didn’t change I was going to die. I required far more. I needed to be happy, balanced and filled with like and life. From that point get more info of view, I started out on my journey to vary how my intellect believed and worked.
अब अपना आकर्षण खो देने के कारण उसके तरफ कोई देखता भी नहीं था वह बहुत पछताने लगा की संसार का कोई सेवा नहीं कर सका, व वह लोगों का काम भी नहीं आ सका, आखिरकार एक दिन तेज हवा का झोंका आया और वह डाली टूटकर नीचे गिर गया
“मुझे लगता है कि यह किसी भी अन्य घोंसले की तरह है, लेकिन मेरी तुलना में बेहतर नहीं है”, कछुआ ने कहा। “तुम्हें मेरे खोल से ईर्ष्या होनी चाहिए, हालांकि।”
shakuntala aur dushyant ki prem katha
दोस्तों “आम का मोह” कहानी का तात्पर्य या प्रेरणा, सन्देश यह है कि जरुरत से ज्यादा मोह आपको व्यर्थ बना सकता है, वो कहते हैं ना कि कही पहुंचे के लिए कही से निकलना बहुत जरुरी होता है।
पंचतंत्र की कहानी: बुद्धिमान केकड़ा और चिड़िया – buddhiman kekada aur chidiya
लेकिन पिता ने ऐसा कुछ भी नहीं किया. वह बैठ गये और उनके आँखों से आंसू आ गये.
“जब प्रतिकूलता आपके दरवाजे पर दस्तक देती है, तो आप कैसे प्रतिक्रिया देते हैं?